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डीएनए स्पेशल
थेरेसा सर्बर मलकाइल (Theresa Serber Malkiel) का जन्म 01 मई 1874 को यूक्रेन (Ukraine) के बार (Bar) नामक शहर में हुआ था.
डीएनए हिंदी: दुनिया भर में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के तौर पर मनाया जाता है. यह दिन है महिलाओं के हक और बराबरी के बारे में बात करने का. अब हर साल यह बात तो की जाती है, मगर उस महिला के बारे में बात करना अक्सर लोग भूल जाते हैं, जिसने इस दिन की शुरुआत की थी. इस महिला का नाम है थेरेसा सर्बर मलकाइल (Theresa Serber Malkiel). मौजूदा परिस्थितियों में खास बात ये भी है कि थेरेसा का संबंध यूक्रेन से है.
कौन हैं थेरेसा सर्बर मलकाइल
थेरेसा सर्बर मलकाइल (Theresa Serber Malkiel) का जन्म 01 मई 1874 को यूक्रेन (Ukraine) के बार (Bar) नामक शहर में हुआ था. वह पहली ऐसी महिला थीं जिसने एक फैक्ट्री मजदूर से सोशलिस्ट पार्टी के नेतृत्व तक का सफर तय किया. सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका की राष्ट्रीय महिला समिति की प्रमुख के तौर पर उन्होंने हर साल महिला दिवस मनाने की शुरुआत की. इसी के बाद यह दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर पूरी दुनिया में मशहूर हुआ.
कैसा था मलकाइल का जीवन
मलकाइल के जीवन के शुरुआती वर्ष काफी संघर्षपूर्ण रहे. उस दौर में यहूदी लोगों का काफी विरोध किया जाता था. उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे. इसी के चलते यहूदी लोगों का बड़े स्तर पर यूक्रेन से पलायन शुरू हो गया. मलकाइल भी सन् 1891 में यूक्रेन से अमेरिका आ गई थीं. यहीं आकर वह यूहदी मजदूर आंदोलन का हिस्सा बनीं और उन्होंने महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाई. मलकाइल ने विशेष रूप से अप्रवासी कामकाजी महिलाओं के बुनियादी अधिकारियों से जुड़े मुद्दे उठाए.
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17 साल की उम्र में फैक्ट्री में काम
17 साल की उम्र में वह एक कपड़ा फैक्ट्री में क्लॉकमेकर के तौर पर काम करने लगी थीं. कपड़ा उद्योग में काम करने वाले व्यक्ति को उस दौरान क्लॉकमेकर कहा जाता था. यहीं से उन्होंने एक फैक्ट्री कर्मचारी से सोशलिस्ट पार्टी में नेतृत्वकर्ता तक का सफर तय किया. 17 नवंबर 1949 को उनका निधन हो गया.
पहला महिला दिवस
पहली बार महिला दिवस का आयोजन न्यूयॉर्क में साल 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने किया था. पहले इसके लिए 28 फरवरी की तारीख तय की गई थी. बाद में 8 मार्च का दिन तय किया गया और इसे नेशनल हॉलीडे घोषित कर दिया गया.सन् 1977 में यूनाइटेड नेशंस ने भी इसे अपनाया और इसे एक ग्लोबल हॉलीडे यानी वैश्विक अवकाश के तौर पर पहचान मिली.
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