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डीएनए स्पेशल
एक ज़माने में ब्रिटिश पीएम टोनी ब्लेयर ने सीरिया और ईरान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया था और उन्हें परिणाम भुगतने की चेतावनी थी दी. बाद में जैसी दोनों की दोस्ती हुई उसे पूरी दुनिया ने देखा.
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद के साथ ब्रिटेन कुछ ऐसा बर्ताव कर रहा है जो न केवल कई मायनों में अजीब है बल्कि एक साथ कई बेहद अहम सवाल भी खड़े कर रहा है. आज बशर अल असद, उनके शासन और नीतियों की निंदा करने वाला ब्रिटेन हमेशा से ऐसा नहीं था. ध्यान रहे अभी बीते दिनों ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सीरिया में बशर के पतन का स्वागत करते हुए कहा था कि सीरियाई लोगों ने 'बहुत लंबे समय तक उनके क्रूर शासन को सहन किया है'.
लेकिन असद के शासन के शुरुआती दिनों में यह एक बेहद अलग कहानी थी, जब टोनी ब्लेयर ने उन्हें मनाने के लिए असाधारण प्रयास किए थे. उस दौरान ब्लेयर ने सीरिया का दौरा किया, बशर ने ब्रिटेन का दौरा किया और रानी से मुलाकात की और बाद में यह बताया गया कि असद को मानद नाइटहुड का टाइटल देने पर विचार किया गया.
यह सब इसलिए हुआ था क्योंकि जब बशर अल असद 2000 में अपने पिता हाफ़िज़ अल असद के बाद राष्ट्रपति बने, तो ब्लेयर ने उन्हें एक आधुनिकीकरणकर्ता और सुधारक के रूप में देखा, जिसके साथ वे व्यापार कर सकते थे.
शायद यही वो कारण था जिसके चलते ब्लेयर ने बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए 2001 में दमिश्क का दौरा किया और फिर 2002 में डाउनिंग स्ट्रीट में उनका स्वागत किया. उन दिनों ब्रिटेन और सीरिया के बीच संबंध इतने सौहार्दपूर्ण थे कि असद को लंदन की अपनी यात्रा के दौरान रानी से मिलने का सम्मान भी दिया गया था.
ब्लेयर के साथ युवा असद की 'दोस्ती' की शुरुआत अपने दिवंगत पिता के उत्तराधिकारी बनने से पहले ही शुरू हो गयी थी. लेबर की 1997 की चुनावी जीत के कुछ ही महीनों बाद, सरकार के मध्य पूर्व मंत्री डेरेक फ़ैचेट को सीरिया भेजा गया था. अगले वर्ष, तत्कालीन विदेश सचिव रॉबिन कुक ने सीरिया का दौरा किया और ब्लेयर के पहले कार्यकाल के दौरान कई मंत्री दौरे हुए, जिनमें ब्लेयर के सबसे करीबी सहयोगी पीटर मैंडेलसन का दौरा भी शामिल था.
ब्लेयर और असद की 'दोस्ती' का सबसे दिलचस्प पक्ष ये रहा कि श्रम मंत्री पीटर हैन ने 2000 में संसद को बताया कि असद 'बहुत दूरदर्शी और आधुनिक दृष्टिकोण' वाले नेता हैं, जो ब्रिटेन को अच्छी तरह से जानते हैं और 'सीरिया को आगे ले जाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं.'
और 2001 में मैंडेलसन द्वारा सीरिया का दौरा करने के बाद, उन्होंने दावा किया कि असद एक 'बुद्धिमान और सुसंस्कृत व्यक्ति' थे, जो अपने देश को 'आर्थिक पिछड़ेपन' से बचाना चाहते थे. रोचक ये कि, तब अपनी बातों में मैंडेलसन ने यह भी स्पष्ट किया था कि ब्रिटेन और सीरिया इजरायल, हिजबुल्लाह और हमास के विषयों पर असहमत थे.
असद और ब्लेयर की दोस्ती कितनी गहरी थी इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि तब उस दौर में दोनों देशों के सैन्य संबंध भी थे.1998 में, एचएमएस मार्लबोरो 48 वर्षों में सीरिया का दौरा करने वाला पहला रॉयल नेवी फ्रिगेट बन गया, उसके बाद 1999 में एचएमएस एडिनबर्ग और 2000 में एचएमएस नॉर्थम्बरलैंड ने सीरिया का दौरा किया.
और जब ब्लेयर ने 2001 में अपनी दूसरी शानदार चुनावी जीत के तुरंत बाद दौरा किया, तो यह ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा सीरिया का पहला दौरा था.लेकिन आगे और भी सौहार्दपूर्ण माहौल देखने को मिला.
दिसंबर 2002 में, असद और उनकी ब्रिटिश मूल की पत्नी, अस्मा अखरास, ब्रिटेन आए और दिवंगत महारानी और तत्कालीन राजकुमार चार्ल्स से मिले, उसके बाद उन्होंने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्लेयर के साथ लंच किया.
बताया जाता है कि अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान, ब्रिटेन में असद का जबरदस्त स्वागत हुआ और राष्ट्रपति को लॉर्ड मेयर द्वारा लंदन शहर के मेंशन हाउस में भोज भी दिया गया.
ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी ब्लेयर-असद की दोस्ती
दिलचस्प ये कि 2006 तक, ब्लेयर सीरिया और ईरान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगा रहे थे और चेतावनी दे रहे थे कि उन्हें चुनना होगा कि 'अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आना है और हम सभी के समान नियमों का पालन करना है' या फिर उन्हें 'परिणाम भुगतने हैं'.
2011 में, ब्लेयर की यात्रा के एक दशक बाद और डेविड कैमरन के प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद, ब्रिटेन और सीरिया के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध अचानक समाप्त हो गए. असद शासन ने अरब स्प्रिंग के युवा प्रदर्शनकारियों का नरसंहार किया और एक दमनकारी अभियान चलाया, जिससे पूर्ण पैमाने पर गृहयुद्ध शुरू हो गया, जो पिछले सप्ताहांत अपने चरम पर पहुंच गया.
2013 में, कैमरन ने सीरिया में यूके सैन्य हस्तक्षेप का प्रस्ताव रखा, लेकिन अपने प्रधानमंत्रित्व काल के सबसे अपमानजनक झटकों में से एक में, वे कॉमन्स वोट में 285 से 272 से हार गए, जिसके बाद दर्जनों टोरी सांसदों ने विद्रोह कर दिया.
बहरहाल अभी बीते दिनों ही ब्रिटेन के वर्तमान पीएम कीर ने प्रधानमंत्री के प्रश्नों पर सांसदों से कहा कि, 'हम सभी असद के पतन का स्वागत करते हैं और मुझे उम्मीद है कि यह सीरिया के लिए एक बहुत जरूरी मोड़ हो सकता है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है.'
खैर, लगभग 25 साल पहले, ब्लेयर को उम्मीद थी कि बशर अल असद का प्रवेश सीरिया के लिहाज से एक निर्णायक मोड़ होगा. हालांकि, उसके बाद जो हुआ, उससे यह पुष्टि होती है कि कीर भविष्य और उसके परिणामों को लेकर बिलकुल सही थे.
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