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Lok Sabha Elections 2024: चिराग पासवान को क्यों न्योता दे रहा INDIA ब्लॉक, पढ़ें बिहार में BJP से 'खेला' करने वाला अंकगणित

Lok Sabha Elections 2024: बिहार में भाजपा अभी तक NDA के अपने सहयोगी दलों JDU, LJP, HAM और LJPR के साथ सीट शेयरिंग फाइनल नहीं कर पाई है. ऐसे में Lalu Prasad Yadav के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की नजर चिराग पासवान को तोड़ने पर है.

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Lok Sabha Elections 2024: चिराग पासवान को क्यों न्योता दे रहा INDIA ब्लॉक, पढ़ें बिहार में BJP से 'खेला' करने वाला अंकगणित

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनावों से पहले BJP नेतृत्व वाले NDA और Congress नेतृत्व वाले I.N.D.I.A ब्लॉक के बीच शह और मात का खेल जारी है. दोनों ही गठबंधन अपनी-अपनी ताकत को बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. बिखरते दिख रहे इंडिया गठबंधन ने कई राज्यों में सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाकर फिर से चुनावी खेल को दिलचस्प बना दिया है, जबकि NDA अभी भी कई राज्यों में इस मुद्दे से जूझ रहा है. खासतौर पर बिहार और महाराष्ट्र में भाजपा अब तक अपने सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग पर निर्णायक समझौता नहीं कर सकी है. इन दोनों ही राज्यों में भाजपा के कुनबे में बर्तन खनकने की आवाज आ रही हैं. ऐसे में बिहार से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने BJP के साथ 'खेला' होने के संकेत दिए हैं. 

सूत्रों के मुताबिक, बिहार में RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने भाजपा के कुनबे में सेंध लगा दी है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को इंडिया गठबंधन के साथ आने पर बिहार में 8 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने का ऑफर दिया गया है. साथ ही उत्तर प्रदेश में भी उन्हें 2 सीट दी जा रही हैं. DNA से चिराग पासवान के करीबी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है. चिराग पासवान का बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से नदारद रहने का कारण भी यही माना जा रहा है. यदि चिराग NDA का खेमा छोड़ते हैं तो इससे बिहार में बड़े पैमाने पर जातीय समीकरण प्रभावित होने वाले हैं, जो भाजपा और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर भारी पड़ सकते हैं.

भाजपा की तरफ से मिला था ये ऑफर

सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान की पार्टी LJPR को भाजपा ने बिहार में 6 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्हें इन सीटों को अपने चाचा व राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पाशुपति पारस (Pashupati Paras) के साथ साझा करने के लिए कहा गया है. बता दें कि रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के 2021 में निधन के बाद चिराग और पाशुपति अलग-अलग हो चुके हैं. चिराग ने अलग पार्टी बना रखी है. ऐसे में वे पाशुपति के साथ सीट बंटवारे के लिए तैयार नहीं हैं. इसके अलावा दोनों के बीच हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर भी तकरार चल रही है, जो रामविलास पासवान की परंपरागत सीट थीं. इस सीट से चिराग और पाशुपति, दोनों ही चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने पाशुपति को यह सीट चिराग को देने और खुद दूसरी सीट से उतरने के लिए मना लिया है.

इंडिया गठबंधन के ऑफर में है ये है खास बात

चिराग पासवान के बेहद करीबी सूत्रों ने इंडिया गठबंधन से उन्हें अपने खेमे में शामिल होने की पुष्टि DNA से की है. सूत्रों के मुताबिक, इंडिया गठबंधन ने चिराग पासवान को बिहार में 8 और उत्तर प्रदेश में 2 सीट समेत कुल 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. बिहार की 8 सीटों में 6 सीट वहीं हैं, जिन पर लोकसभा चुनाव 2019 में LJP ने जीत हासिल की थी. इसके अलावा दो अन्य सीट दी जा रही हैं. सूत्रों से जब DNA ने यह पूछा कि क्या चिराग इस ऑफर को स्वीकार करने जा रहे हैं? उन्होंने कहा, यह निश्चित तौर पर बढ़िया ऑफर है और हम अभी हर एंगल से सोच-विचार कर रहे हैं. अभी किसी को भी हमने इंकार नहीं किया है.

चिराग के टूटने का होगा ये असर

बिहार में करीब 16% दलित वोट हैं, जो 13 लोकसभा सीट पर निर्णायक साबित होते हैं. इन 16% में से 6% वोट पासवान समुदाय के हैं, जिनके साथ होने का दावा चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत के कारण करते हैं. पासवान वोट अपने दम पर सीट जीतने वाले नहीं हैं, लेकिन वे कई सीटों पर परिणाम बदलने का दमखम रखते हैं. इसका नजारा बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में दिखाई दे चुका है. विधानसभा चुनाव में भाजपा खेमे से अलग होकर चिराग पासवान ने 243 में से 140 सीट पर LJPR कैंडीडेट उतारे थे. उनकी पार्टी को एक ही सीट पर जीत मिली थी, लेकिन उसके हिस्से में 5.68% वोट आए थे. LJPR के हिस्से में आए इन वोटर्स ने चिराग के कथित 'दुश्मन' नीतीश कुमार की JDU को करीब दर्जन भर सीट का नुकसान कराया था. पासवान वोट की इसी ताकत के कारण इंडिया गठबंधन उन्हें अपने साथ मिलाना चाहता है.

बिहार के पूरे दलित वोटबैंक पर इंडिया गठबंधन की नजर

इंडिया गठबंधन की नजर केवल चिराग पासवान पर ही नहीं है बल्कि बिहार के पूरे पिछड़े और दलित वोटबैंक पर है. नीतीश कुमार के RJD से अलग होकर दोबारा भाजपा के साथ राज्य में सरकार बनाने के दौरान उन्हें जीतनराम मांझी की HAM का साथ मिला था, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक मांझी पूरी तरह सरकार में खुश नहीं हैं. इसका संकेत वे कई बार बयानों से दे भी चुके हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि मांझी को भी लालू प्रसाद यादव ने फिर से साथ आने का ऑफर दिया है. इसके अलावा भाजपा के साथ बात नहीं बनने पर VIP पार्टी के मुकेश सहनी भी इंडिया गठबंधन के साथ वार्ता कर रहे हैं. इंडिया गठबंधन ने उपेंद्र कुमार कुशवाहा को भी न्योता दिया है. यदि ये सब इंडिया गठबंधन के साथ जुड़ते हैं तो बिहार में इंडिया गठबंधन को एक बड़े वोटबैंक की ताकत मिल जाएगी, जो भाजपा और जेडीयू के लिए मुसीबत बन सकता है.

बिहार में 2019 में ऐसी थी NDA की सीट शेयरिंग

लोकसभा चुनाव-2019 में बिहार की 40 सीटों में से 17-17 पर BJP और JDU ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि LJP को 6 सीट मिली थीं. इन 40 में से 39 सीट यह गठबंधन जीता था, जबकि किशनगंज सीट पर कांग्रेस ने JDU उम्मीदवार को हरा दिया था. बिहार संसद में चौथा सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाला राज्य है. इस कारण यदि वहां समीकरण बदलते हैं तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'अबकी बार 400 पार' के नारे के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. 

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