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डीएनए मनी
Income Tax Return Forms: Income Tax Department ने असेसमेंट ईयर साल 2024-2025 के लिए सभी सात ITR फॉर्म जारी कर दिए हैं. डिपार्टमेंट की वेबसाइट से ये फॉर्म डाउनलोड किए जा सकते हैं.
Income Tax Return Forms: जल्द ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रोसेस शुरू होने वाली है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने Assesment Year 2024-25 के लिए सभी 7 ITR फॉर्म जारी कर दिए हैं. टैक्सपेयर को अपनी कैटेगिरी के हिसाब से ITR फॉर्म चुनकर भरना होगा. आमतौर पर लोग को बड़ा कन्फ्यूजन होता है कि इतने सारे फॉर्म्स में से उन्हें कौन सा फॉर्म भरना होगा. चलिए हम बता देते हैं.
ITR 1- इसे सहज फॉर्म भी कहते हैं. यह फॉर्म उन लोगों के लिए होता है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक की होती है. इसमें इनकम का सोर्स- वेतन, एक घर या दुकान से आने वाला किराया, बैंक इंटरेस्ट और 5000 तक की कृषि आय शामिल हो सकती है.
ITR 2- ये फॉर्म वो लोग या वो परिवार भर सकते हैं जो ITR 1 के लिए एलिजिबल नहीं हैं. जिनकी कमाई बिजनेस या किसी पेशे होने वाले प्रॉफिट से नहीं होती है. ये फॉर्म वो लोग इस्तेमाल कर सकते हैं जिनकी कमाई इंटरेस्ट, वेतन या बोनस के रूप में नहीं होती है.
ITR 3- ये फॉर्म उनके लिए है जो बिजनेस से कमाते हैं, या नौकरीपेशा हैं. घर किराए पर चढ़ा है. शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड से कमाते हैं. इंटरेस्ट या लॉटरी से कमाते हैं. किसी कंपनी के पार्टनर के तौर पर कमाते हैं.
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ITR 4- इसे सुगम फॉर्म भी कहते हैं. इस फॉर्म का इस्तेमाल इंडियविजुअल, परिवार या कोई फर्म कर सकता है. फर्म LLP नहीं होना चाहिए. सालाना आय 50 लाख से ज्यादा न हो. बिजनेस या किसी पेशे से कमाई होती हो. सैलरी या पेंशन आता हो. एक घर हो. 5000 तक की कृषि से कमाई हो.बैंक अकाउंट, बैंक डिपॉजिट से मिलने वाला इंटरेस्ट. ITR पर मिलने वाला रिफंड मिला हो. कमाई लॉटरी या हॉर्स रेसिंग से न हो.
ITR 5 - ये फॉर्म इंडिविजुअल्स के लिए नहीं है. इसे कोई फर्म, LLP, असोसिएशन ऑफ पीपल, बॉडी ऑफ इंडीविजुअल्स, एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी, कोऑपरेटिव बैंक या ग्रामीण विकास बैंक इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ITR 6- यह फॉर्म विभिन्न कंपनियों और संस्थानों द्वारा भरा जाता है. वो सभी संस्थान जो ITR 7 के लिए एलिजिबल नहीं हैं वो ITR 6 भरते हैं.
ITR 7- चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट जिन्हें सेक्शन 11 के तहत टैक्स में छूट मिलती है. राजनीतिक दल. साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई संस्थाएं, यूनिवर्सिटी, कॉलेज और दूसरे संस्थान जिन्हें सेक्शन 10 (23C), 10 (21) के तहत टैक्स में छूट मिलती है. ऐसे इंस्टीट्यूशन जो पैसा कमाने के कारोबार में नहीं है और इनकम टैक्स के अलग-अलग प्रावधानों के तहत छूट लेते हैं.
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