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डीएनए मनी
देश में Mutual Fund के जरिए पर्दे के पीछे से शेयर मार्केट में निवेश करने को लोग सहज मानते आए हैं जिसके चलते इसके निवेश में बड़ा इजाफा हुआ है.
डीएनए हिंदी: जल्द ही कार कंपनी मर्सीडीज में इंडिया हेड की जिम्मेदारी संभालने वाले संतोष अय्यर भारत में लग्जरी कारों के न बिक पाने से परेशान हैं. उनकी नजर में इसका कारण है कि धनी भारतीय लोग म्यूचुअल फंड SIP (Systematic Investment Plan) में निवेश कर रहे हैं. जिस वजह से लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे ही नहीं बचते. यही कारण है कि देश में पर्याप्त धनी लोग होने के बावजूद भी उनकी लग्जरी गाड़ियां लोग नहीं खरीद पा रहे हैं. आज इस बात पर गौर करते हैं कि देश में साल दर साल म्युचुअल फंड कैसे बढ़ता गया. साथ ही ये भी जानते हैं कि ‘म्यूचुअल फंड सही है’ स्लोगन में कौन से राज्य का कितना विश्वास है.
संतोष अय्यर का कहना है कि देश में 15,000 से ज्यादा लोग हर महीने लग्जरी गाड़ियों के बारे में पूछताछ करते है लेकिन आर्डर सिर्फ 1,500 यूनिट का ही मिलता है तो अभी भी करीब 13,500 लोग हैं जो मर्सीडीज बेंज खरीदना चाहते हैं. पर अपनी खरीददारी को टाल देते हैं." अय्यर ने बताया है कि SIP को सीधे तौर पर अपनी कंपनी का प्रतियोगी बता देते हैं, SIP हमारा कांपेटिटर हैं. उन्होंने कहा, "मैने अपनी टीम को बताया है कि अगर आप SIP निवेश को रोक पाएं तो इस सेगमेंट में गजब की ग्रोथ देखने को मिलेगी."
साल 1963 में देश में पहला म्यूचुअल फंड यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के नाम से शुरु हुआ था. तब इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) चलाता था. साल 1978 में UTIकी जिम्मेदारी RBI से हटाकर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया(IDBI) को सौंप दी गई. साल 1988 तक UTI 6700 करोड़ रु संभाल रहा था. इसके बाद 1987 से 1993 तक UTI के अलाव कई दूसरे और पब्लिक सेक्टर म्यूचुअल फंड भी बाजार में आए. म्यूचुअल फंड का कारोबार इन 6 सालों में 47000 करोड़ तक पहुंच गया. इसके बाद 1993 से 2003 के बीच में निजी क्षेत्र को भी म्यूचुअल फंड खोलने की इजाजत दे दी गई. जनवरी 2003 तक देश में 33 म्यूचुअल फंड 1.21 लाख करोड़ रुपए को प्रबंधन कर रहे थे.
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भारत में आज 5.9 करोड़ से ज्यादा SIP अकाउंट चल रहे हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए SIP सबसे बेहतर तरीका है. म्युच्यूल फंड से शेयर बाजार में निवेश करने में आसान और कम जोखिम भरा होता है. साल 2006 में 2.3 लाख करोड़ का आज म्यूचुअल फंड का बाजार अब 39 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है. यानी पिछले 16 सालों में लोगों का निवेश म्युच्यूल फंड में 16 गुना बढ़ गया है. म्यूचुयल फंड पर महाराष्ट्र का सबसे ज्यादा विश्वास, जम्मू कश्मीर को सबसे कम
अब किस राज्य में कितना निवेश ज्यादा होता है उसको लेकर भी कुछ अहम बातें सामने आईं हैं. महाराष्ट्र (41.6%) देश में म्यूचुअल फँड में सबसे बड़ा निवेश करने वाला राज्य है. इस वक्त देश का आधे से ज्यादा निवेश सिर्फ निवेश महाराष्ट्र और दिल्ली (8.5 %) से आता है. इसके बाद कर्नाटक (7%), गुजरात (6.9%), पश्चिम बंगाल (5.2 %), उत्तर प्रदेश और तमिलनाडू (4.4%) की हिस्सेदारी है. कई बड़े राज्यों में म्यूचुअल फंड के बारे में ज्यादा जानकारी और विश्वास का अभाव है. देश के म्यूचुअल फंड बाजार में 1% से कम हिस्सेदारी रखने वाले राज्यों में जम्मू कश्मीर (0.1%), हिमाचल प्रदेश (0.2%), उत्तराखंड (0.4%), असम (0.5%), छत्तीसगढ़ (0.6%) और बिहार 0.9 % शामिल है.
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म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अलग-अलग तरीके मौजूद हैं. भारतीयों में इक्विटी (Equity) सबसे ज्यादा पंसद है. ग्रोथ और इक्विटी के जरिए में म्यूचुअल फंड में कुल 46% पूंजी लगी है. इसके अलावा लिक्विड फंड में 16 % निवेश है. लिक्विड फंड एक तरीके के डिपोसिट फंड होता है जिसमें सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिलता है बाकी डेट ओरियटेड स्कीम में 19% पैसा लगा है. ETF (Exchange Traded Fund) भी शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे आसान तरीका है. म्यूच्युल फंड के इस सेगमेंट में 12% पूंजी निवेशित है.
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