Twitter
Advertisement

कौन हैं Karishma Kotak? जिन्हें WCL के मालिक ने लाइव टीवी पर किया प्रपोज, बला की खूबसूरत हैं एंकर

एक्ट्रेस संगीता बिजलानी ने TIGP 2025 ब्यूटी क्वीन्स को पहनाया ताज, जानें टीन से लेकर मिस और मिसेज इंडिया का ताज किसके सिर सजा? 

दो EPIC नंबर वाले वोटर आईडी को लेकर बुरे फंसे तेजस्वी यादव, चुनाव आयोग ने भेज दिया नोटिस

Sugar Remedy: इस पेड़ की पत्तियों में है ब्लड शुगर कंट्रोल करने की ताकत, जानें इस्तेमाल का तरीका

IND vs ENG: अगर ड्रॉ हुई भारत-इंग्लैंड सीरीज, तो कहां रखी जाएगी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी?

मुंबई से अहमदाबाद सिर्फ 127 मिनट में! भारत की पहली बुलेट ट्रेन को लेकर अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान

Desi Drink For Uric Acid: नुस्खा नहीं, इस देसी ड्रिंक को मानते हैं यूरिक एसिड का रामबाण इलाज! घर पर ऐसे बनाएं

'वो मुझसे बेहतर हैं...' सुनील गावस्कर के 54 साल पुराने रिकॉर्ड से भी बड़े हैं शुभमन गिल, पूर्व दिग्गज का बड़ा बयान

CBSE 10th Compartment Result 2025: कब आएगा सीबीएसई 10वीं सप्लीमेंट्री एग्जाम का रिजल्ट? cbse.gov.in पर यूं कर पाएंगे चेक

IND vs ENG: कौन है यशस्वी जायसवाल की 'रूमर्ड' गर्लफ्रेंड? जिसे ओवल में शतक के बाद दी 'Flying Kiss'?

UP Election 2022: संघ के भरोसे पूर्वांचल का सियासी समीकरण साध रही है BJP?

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पूर्वांचल में अपनी कैंपेनिंग तेज कर दी है.

UP Election 2022: संघ के भरोसे पूर्वांचल का सियासी समीकरण साध रही है BJP?

Image Credit - DNA

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल के दस जिलों की 62 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के लिए राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) ने पूरी ताकत झोंक दी है. इन निर्वाचन क्षेत्रों में आरएसएस के करीब 15 हजार 'ग्राम प्रमुख' अपनी टोलियां के साथ मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं.

एक-एक विधानसभा क्षेत्र में 240 से अधिक 'ग्राम प्रमुख' बीजेपी उम्मीदवारों की जीत तय करने के लिए अपनी टोलियों के साथ सक्रिय हैं. हालांकि, आरएसएस के पदाधिकारी इसे मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 'जनजागरण अभियान' का नाम दे रहे हैं. 

पूर्वांचल के 62 विधानसभा क्षेत्रों में 27,647 बूथ हैं जहां आरएसएस के 'ग्राम प्रमुखों' और अन्य कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ी है. मऊ के नगर प्रचार प्रमुख डॉक्टर मधुकर आनन्‍द ने कहा है कि संघ की सुबह 'प्रभात शाखा' में लोगों को अधिक से अधिक मतदान के लिए स्वयंसेवक जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुबह हम शाखा के बाद वार्डों में प्रभात फेरी निकाल रहे हैं और मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं.

UP Election 2022: भगवा को लेकर डिम्पल के बयान पर Yogi ने किया पलटवार,जानिए क्या कहा

किन बातों पर है संघ का जोर?

संघ के नेता उनके बीच पत्रक भी बांट रहे हैं. हालांकि, उन्होंने साफ जाहिर किया है कि हम किसी दल के लिए नहीं राष्‍ट्र के लिए कार्य करते हैं. लोक जागरण मंच, गोरक्ष प्रांत की ओर से बांटे जा रहे पत्रक में मतदाताओं से अपील की गई है कि मतदान करते समय विचार करें कि आपका बहुमूल्य मत किसे जा रहा है. पत्रक की शुरुआत में ही कहा गया है उसे, जो शुरू से राम मंदिर बनाने के पक्ष में खड़ा रहा और उसके लिए संघर्ष किया या उसे, जिसने मंदिर की जगह मस्जिद या अस्पताल बनाने की बात करते हुए विरोध किया.

 

RSS Workers

कैसे वोटरों को जागरूक कर रहा है संघ?

संघ ने अपने प्रचार पत्र में विश्‍वनाथ धाम के साथ ही सरकारी नौकरियों में जातिवाद, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे मामलों का जिक्र किया है. चुनाव में आरएसएस की भूमिका के संदर्भ में गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक सुभाष जी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास करता है, उसी के लिए हम जनजागरण कर रहे हैं.

कैसा था साल 2017 में नतीजा?

भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर क्षेत्र के आस पास की की 62 विधानसभा सीटों में से 44 पर जीत दर्ज की थी. समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 7-2, कांग्रेस को 1 और एक निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी. उस वक्त बीजेपी की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और अपना दल (सोनेलाल) को भी इस इलाके की एक-एक सीटों पर जीत मिली थी. 

अलग हैं इस बार के सियासी समीकरण

विधानसभा चुनाव 2022 में ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा, सपा के साथ है. चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार के कई दिग्गज मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. इस विधानसभा क्षेत्र से आने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान भी सपा में शामिल हो गए हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य और सिंह कुशीनगर की फाजिलनगर और मऊ की घोसी सीट से सपा से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इन नेताओं से संबंधित जातियों के मतों में बिखराव की आशंका जताई जा रही है. 

 

संघ प्रमुख मोहन भागवत.

क्या है पूर्वांचल का जातीय समीकरण?

जानकारों के मुताबिक जिलों में करीब 52 फीसद पिछड़ी जातियों के अलावा, 20 फीसद अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. यहां के अलग अलग क्षेत्रों में पिछड़ी कुर्मी-सैंथवार, मौर्य-कुशवाहा, यादव, राजभर, नोनिया- चौहान बिरादरी की निर्णायक संख्या है, जबकि दलितों में जाटव के अलावा पासी, खटीक, बेलदार, धोबी भी कुछ क्षेत्रों में अच्छी तादाद में हैं. सवर्ण बिरादरी में ब्राह्मण और क्षत्रिय के अलावा कायस्थ भी लगभग सभी जिलों में हैं. मऊ, आजमगढ़ और पडरौना समेत करीब 15 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं का भी प्रभाव है. 

बीजेपी कितने वर्गों में यूपी का किया है विभाजन?

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने अपने संगठनात्मक ढांचे को छह भागों में बांटा है जिसमें पश्चिम क्षेत्र, ब्रज क्षेत्र, कानपुर-बुंदेलखंड, अवध और काशी क्षेत्र के अलावा गोरखपुर क्षेत्र शामिल हैं. गोरखपुर क्षेत्र में कुल 10 जिले गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया और मऊ शामिल हैं और इनमें कुल 62 विधानसभा सीटें हैं. 

कब है वोटिंग?

आजमगढ़ जिले की 10 तथा मऊ जिले की चार विधानसभा सीटों पर आखिरी चरण में सात मार्च को मतदान होगा जबकि बाकी 48 सीटों पर छठे चरण में तीन मार्च को मतदान होना है. शुरू के पांच चरणों में कुल 292 सीटों पर मतदान हो चुका है और अभी दो चरणों में कुल 111 सीटों पर मतदान होना बाकी है. (भाषा इनपुट के साथ)

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

और भी पढ़ें-
UP Election 2022: एक नहीं इस बार चार 'अखिलेश यादव' हैं मैदान में, क्या बदलेंगे जीत के समीकरण?
Uttar Pradesh Election 2022 'घोर परिवारवादियों' और 'घनघोर राष्ट्रभक्तों' के बीच- पीएम मोदी

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement