एजुकेशन
जया पाण्डेय | Jul 23, 2025, 01:10 PM IST
1.जगदीप धनखड़ ने क्यों दिया उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा?
जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 जुलाई 2025 को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उन्होंने ग्रामीण राजस्थान से देश के दूसरे सबसे बड़े पद तक का सफर तय किया जो उनकी कानूनी विशेषज्ञता और कई राजनीतिक दलों में नेतृत्वकारी भूमिकाओं को दर्शाता है.
2.हिंदू जाट परिवार में हुआ था जन्म
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में एक हिंदू जाट परिवार में हुआ था. उनके पिता गोकल चंद और माता केसरी देवी थीं. ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े धनखड़ ने बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में दिलचस्पी दिखाई. इसने उन्हें एक कानूनी विशेषज्ञ और एक राजनीतिक नेता दोनों के रूप में आकार दिया.
3.स्कॉलरशिप पर सैनिक स्कूल में मिला था एडमिशन
धनखड़ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा किठाना के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पूरी की. उसके बाद उन्होंने हर दिन कई किलोमीटर पैदल चलकर घरधाना के सरकारी माध्यमिक विद्यालय से आगे की पढ़ाई की. साल 1962 में उन्हें स्कॉलरशिप पर चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में एडमिशन मिला. यहां उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा पास की.
4.वकालत के लिए ठुकराई सिविल सेवा की नौकरी
उनका चयन एनडीए और आईआईटी दोनों के लिए हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई में फिजिक्स से बीएससी करने का फैसला लिया. उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी के महाराजा कॉलेज से बीएससी ऑनर्स किया और सिविल सेवा की परीक्षा में भी बैठे लेकिन कानून में करियर बनाने के लिए आईएएस की प्रतिष्ठित नौकरी को अस्वीकार कर दिया.
5.राजस्थान यूनिवर्सिटी से की एलएलबी
इसके बाद उन्होंने शैक्षणिक वर्ष 1978-1979 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की और अपना वकालत का करियर शुरू कर दिया. नौकरशाही की पारंपरिक प्रतिष्ठा से अलग उनका यह फैसला उन्हें कानूनी और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में एक प्रतिष्ठित करियर की ओर ले गया. उन्होंने संवैधानिक, इस्पात, कोयला, खनन और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता मामलों पर फोकस करने हुए जल्द ही कानूनी समुदाय में अपनी पहचान बना ली.
6.कैसे शुरू हुआ राजनीतिक सफर?
साल 1990 तक उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया और उन्हें राज्य के सबसे सम्मानित वकीलों में से एक के रूप में मान्यता मिली. धनखड़ ने अपनी राजनीतिक यात्रा जनता दल से शुरू की और झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से नौवीं लोकसभा (1989-1991) के लिए चुने गए. 1990 में उन्होंने चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया.
7.2019 में बने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
जुलाई 2019 से जुलाई 2022 तक धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया. उनके कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार के साथ लगातार और हाई-प्रोफाइल टकराव हुए जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी ध्यान मिला और बड़ी ज़िम्मेदारियों के लिए मंच तैयार हुआ.
8.2022 में बने भारत के उपराष्ट्रपति
जुलाई 2022 में जगदीप धनखड़ को एनडीए ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार नामित किया. 6 अगस्त 2022 को उन्होंने 710 वैध मतों में से 528 (लगभग 74.4%) हासिल करके उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीता.
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