एजुकेशन
जया पाण्डेय | Jul 23, 2025, 04:40 PM IST
1.जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा
21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर राजनीतिक गलियारों में सनसनी पैदा कर दी. अगले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया. इसके बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर एक दुर्लभ मध्यावधि रिक्ति पैदा हो गई है.
2.अपना कार्यकाल पूरा किए बिना सबसे पहले इस्तीफा देने वाले उपराष्ट्रपति कौन थे?
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया हो. इससे पहले अपना कार्यकाल बिना पूरा किए इस्तीफा देने वाले पहले उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि थे. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया था.
3.इन उपराष्ट्रपतियों ने भी दिया है इस्तीफा
इसके बाद भैरों सिंह शेखावत ने प्रतिभा पाटिल के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद इस्तीफा दे दिया था. वहीं आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा और के आर नारायणन ने भी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अपने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था.
4.उपराष्ट्रपति के त्यागपत्र के बाद अब क्या होगा?
भारतीय संविधान में कहीं भी कार्यवाहक उपराष्ट्रपति की नियुक्ति का उल्लेख नहीं है. लेकिन उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं इसलिए अब उच्च सदन (राज्यसभा) की अध्यक्षता का दायित्व उपसभापति संभालेंगे. वर्तमान में यह भूमिका हरिवंश नारायण सिंह के पास है, जो उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही संभालेंगे.
5.अगला उपराष्ट्रपति चुनाव कब होगा?
जहां राष्ट्रपति के पद को छह महीने के भीतर भरना जरूरी है, लेकिन संविधान में उपराष्ट्रपति पद के रिक्त पद को भरने के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. केवल एक ही शर्त है कि चुनाव यथाशीघ्र कराए जाएं. चुनाव आयोग चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा और यह प्रक्रिया राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के अनुसार होगी.
6.नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति का कार्यकाल क्या होगा?
उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद चुने गए नए उपराष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के दिन से ही पांच साल का नया कार्यकाल शुरू होगा. इसका मतलब है कि वे न केवल निवर्तमान उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की शेष अवधि पूरी करेंगे बल्कि अपना पूरा कार्यकाल भी पूरा करेंगे.
7.उपराष्ट्रपति बनने के लिए क्या होती है शर्त?
उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए और उसकी उम्र 35 साल से कम नहीं होनी चाहिए. उसे राज्यसभा के लिए निर्वाचन हेतु पात्र होना चाहिए और किसी भी संसदीय क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहिए. इसके अलावा उसे केंद्र या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए (अपवाद में राष्ट्रपति, राज्यपाल या मंत्री जैसे पद शामिल हैं).
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