डीएनए एक्सप्लेनर
Donald Trump Gold Card Visa Programe: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों अमेरिका से अवैध नागरिकों को भगाने की मुहिम छेड़ रखी थी. उन्होंने अमेरिकी वीजा को बेहद सख्त करने की भी घोषणा की थी. ऐसे में अचानक उनके 'पैसे दो, नागरिकता लो' वाला अभियान शुरू करने से सभी हैरान हैं.
Donald Trump Gold Card Visa Programe: अवैध नागरिकों को भगाने की मुहिम छेड़ने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) दूसरे देशों के लोगों को अमेरिका में बसने (US Citizenship) का मौका देने की तैयारी में है. बस आपकी जेब में अमेरिका को देने के लिए एक मोटी रकम होनी चाहिए. इसके लिए ट्रंप ने गुरुवार को एक नए वीजा प्रोग्राम की वेटलिस्ट वेबसाइट trumpcard.gov लॉन्च की है, जिस पर लॉगिन करने के बाद 5 मिलियन डॉलर (करीब 42.70 करोड़ रुपये) के बदले कोई भी विदेशी नागरिक स्थायी रूप से वहां रहने का मौका (US permanent residency) हासिल कर सकता है. इसे गोल्ड कार्ड वीजा प्रोग्राम (Gold Card Visa Programe) कहा जा रहा है, जिसका प्रचार खुद डोनाल्ड ट्रंप पिछले कई दिनों से 'ट्रंप कार्ड (Trump Card)' के नाम से कर रहे थे. इस वेबसाइट पर गोल्ड कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराते ही आप एक वेटिंग लिस्ट में शामिल हो जाएंगे, जिसके बाद आपका नंबर आते ही अमेरिकी नागरिकता दे दी जाएगी.
आइए 5 पॉइंट्स में बताते हैं कि क्या है ट्रंप का यह प्लान-
1. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर दी है जानकारी
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट ट्रूथ सोशल (Truth Social) के अपने अकाउंट पर गोल्ड कार्ड ऑफर की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा,'5 मिलियन डॉलर में ट्रंप कार्ड आ रहा है. हजारों लोग इसकी जानकारी कर पूछ रहे हैं कि वे दुनिया के सबसे महान देश और मार्केट का हिस्सा कैसे बन सकते हैं?' ट्रंप ने फरवरी में ही इस ट्रंप कार्ड के प्लान के बारे में लोगों को बताया था. उन्होंने दुनिया भर के अमीरजादों को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने की अनुमति देने वाले इस कार्ड के बारे में कहा था कि यह एक ग्रीन कार्ड जैसा होगा, लेकिन यह sophistication के हायर लेवल पर होगा.'
2. गोल्ड कार्ड के जरिये ट्रंप का प्रचार?
वेबसाइट पर गोल्ड कार्ड की तस्वीर भी जारी की गई है, जिस पर ट्रंप का फोटो, हस्ताक्षर और नाम है. वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने वालों को कुछ बेसिक जानकारी देनी होगी, जिसमें अपना नाम, ईमेल, क्षेत्र (दुनिया के किस इलाके से आ रहे हैं) और व्यक्तिगत रूप से या बिजनेस के लिए, किस रूप में आवेदन कर रहे हैं. वेबसाइट पर आवेदन करने के लिए दुनिया को 8 क्षेत्रों में बांटा गया है. इनमें यूरोप, अफ्रीका, कैरेबियन, साउथ अमेरिका, मिडिल अमेरिका, ओशेनिया, नॉर्थ अमेरिका और एशिया (मध्य पूर्व समेत) शामिल हैं.
3. एकदम नहीं मिलेगी अमेरिका में एंट्री
वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी अमेरिका में एकदम एंट्री नहीं मिलेगी. आवेदक का नाम एक वेटिंग लिस्ट में शामिल किया जाएगा. इसके बाद उस वेटिंग लिस्ट में अपना नंबर आने पर यूएस सिटीजनशिप का मौका दिया जाएगा. गोल्ड कार्ड के लिए पूरी दुनिया से करीब 3.5 करोड़ लोगों के आवेदन करने की संभावना जताई गई है. इसका मतलब है कि आवेदक को रजिस्ट्रेशन के बाद भी लंबे समय तक यूएस सिटीजनशिप के लिए इंतजार करना पड़ सकता है.
4. बिना अमेरिकी संसद की मंजूरी के शुरू किया गया है प्रोग्राम
ट्रंप प्रशासन ने गोल्ड कार्ड शुरू करने के लिए कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की मंजूरी नहीं ली है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि सीधे नागरिकता नहीं देने के चलते इस प्रोग्राम के लिए संसदीय मंजूरी की जरूरत नहीं है. फिलहाल अमेरिका का नागरिक बनने का आवेदन करने के लिए किसी भी व्यक्ति को वैध तरीके से वहां कम से कम 5 साल ग्रीन कार्ड लेकर रहना पड़ता है. इसके साथ ही उम्र और भाषा से जुड़े मानक भी दिए गए हैं. साथ ही संबंधित व्यक्ति का क्राइम रिकॉर्ड भी पूरी तरह क्लीन होना जरूरी है. गोल्ड कार्ड के जरिये कैसे नागरिकता दी जाएगी, इसके विस्तृत मानक ट्रंप प्रशासन ने अभी तक जारी नहीं किए हैं.
5. गोल्ड कार्ड और ग्रीन कार्ड में यह होगा बड़ा अंतर
ट्रंप कार्ड या गोल्ड कार्ड को अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के लिए पहले से चले आ रहे ग्रीन कार्ड से अलग बताया जा रहा है. दरअसल गोल्ड कार्ड को EB-5 इनवेस्टर वीजा प्रोग्राम के ऑप्शन के तौर पर पेश किया गया है. EB-5 इनवेस्टर वीजा प्रोग्राम के तहत आवेदक को अमेरिका में जॉब देने के प्रोजेक्ट में 800,000 डॉलर का निवेश करना पड़ता है. गोल्ड कार्ड लेने वाले को अमेरिका में अपनी आमदनी पर टैक्स देना होगा, जबकि ग्रीन कार्ड होल्डर को दुनिया में कहीं भी कमाई करने पर उसका टैक्स अमेरिका में भी चुकाना पड़ता है. ऐसे में ग्रीन कार्ड होल्डर पर दोहरे टैक्स की मार पड़ती है. इस कारण बहुत सारे अमीरों ने अमेरिकी नागरिकता हासिल करने से परहेज किया है. ट्रंप प्रशासन ऐसे ही लोगों को अमेरिका आकर निवेश करने के लिए आकर्षित करना चाहता है.
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