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आइये जानें गाजा पुनर्निर्माण को लेकर क्या हैं Plan 'Trump' के मायने?

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि हमास और इजरायल के बीच मौजूदा संघर्ष समाप्त होने के बाद गाजा का पुनर्निर्माण किस प्रकार किया जाएगा लेकिन माना यही जा रहा है कि इसमें ट्रंप और अमेरिका बड़ी भूमिका में रहेंगे.

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आइये जानें गाजा पुनर्निर्माण को लेकर क्या हैं Plan 'Trump' के मायने?

गाज़ा के पुनर्निर्माण को आतुर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने एक बयान के बाद सुर्खियों में हैं. डोनाल्ड ट्रंप  ने घोषणा की कि वह गाजा को 'विकसित' करना चाहते हैं और इसे 'मध्य पूर्व का रिवेरा' बनाना चाहते हैं. ट्रंप द्वारा इस बयान को देना भर था पूरे मध्य पूर्व में हाहाकार मच गया है और इसे 'बेतुका' और 'पूरी तरह से अवास्तविक' बताया गया है.

बीते दिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त समाचार सम्मेलन के दौरान, ट्रंप ने प्रस्ताव दिया कि गाजा में रहने वाले दो मिलियन लोगों को जॉर्डन, मिस्र - और उससे आगे ले जाया जा सकता है.

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि हमास और इजरायल के बीच मौजूदा संघर्ष समाप्त होने के बाद गाजा का पुनर्निर्माण किस प्रकार किया जाएगा. यह भी उतना ही अनिश्चित है कि अमेरिका किस प्रकार गाजा पर अपना 'स्वामित्व' स्थापित करेगा, वहां की आबादी को पुनर्स्थापित करेगा, तथा भूमि का पुनर्विकास करेगा.

गाजा पट्टी को लेकर क्या बोल बैठे डोनाल्ड ट्रंप 

ट्रंप ने गाजा को एक 'विध्वंस स्थल' बताया,जहां 'लगभग हर इमारत ढह गई है'. ट्रंप ने इस बारे में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कि इजरायल-हमास युद्ध विराम के बाद क्या होगा? प्रस्ताव रखा कि, 'अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्ज़ा करेगा और हम इसके साथ काम भी करेंगे.'

उन्होंने कहा कि इससे पहले कि 'नष्ट इमारतों से छुटकारा पाया जाए और उसे समतल किया जाए अमेरिका 'साइट पर मौजूद सभी खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार होगा'. साथ ही ट्रंप ने आर्थिक विकास की कल्पना की है और यह भी बताया है कि कैसे इससे हजारों नौकरियां पैदा होंगी.  

ट्रंप के अनुसार, 'मैंने जिन लोगों से बात की, वे सभी इस विचार से खुश हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका उस भूमि के टुकड़े का मालिक है, उसका विकास कर रहा है और हजारों नौकरियां पैदा कर रहा है. व्हाइट हाउस ने ट्रंप की इस योजना को 'असाधारण' और 'दूरदर्शी' बताया है.

गाजा की आबादी को कैसे देखते हैं ट्रंप 

ट्रंप की योजनाओं के तहत गाजा के दो मिलियन लोग अपने क्षेत्र में वापस नहीं लौटेंगे.  इसके बजाय, उन्होंने उनके लिए 'विभिन्न डोमेन' बनाने का सुझाव दिया ताकि वे 'स्थायी रूप से  शांति और सद्भाव में अपना जीवन जी सकें.

फिलिस्तीनी शरणार्थियों को बसाने के उद्देश्य से ट्रंप ने अपने प्लान में जॉर्डन और मिस्र के नाम का उल्लेख किया है.  हालांकि मामले में दिलचस्प यह है कि दोनों ही देशों ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अपने देश में पनाह देने से मना कर दिया है. मगर ट्रंप को यह भरोसा है कि लोगों को बसाने के लिए भूमि उन्हें मिल जाएगी.

वैसे अभी ट्रंप ने इस बात का खुलासा तो नहीं किया है कि गाजा के पुनर्स्थापन में अमेरिका कैसे और किस हद तक शामिल होगा लेकिन माना यही जा रहा है कि इस बार अमेरिका निर्णायक भूमिका में रहेगा. 

गाजा पर किसका नियंत्रण है? अतीत में इस पर किसका कब्ज़ा था?

गाजा 2007 से हमास के नियंत्रण में है.  2006 के चुनावों में इसका दबदबा रहा और उसके बाद साथी फ़िलिस्तीनी समूह फ़तह के साथ हिंसक झड़पें हुईं.गाजा, इज़राइल और वेस्ट बैंक से बने इस क्षेत्र का इतिहास लंबा और जटिल है और दिलचस्प ये कि इजरायल और फ़िलिस्तीन दोनों ही इसके विभिन्न हिस्सों पर अपना दावा करते हैं.

1917 में, ब्रिटिशों ने उस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया जिसे उस समय फ़िलिस्तीन के नाम से जाना जाता था, जो ओटोमन साम्राज्य से अलग था.  बाल्फोर घोषणा के तहत, उन्होंने वहां एक यहूदी होमलैंड बनाने का वादा किया.

इसके बाद यूरोप में नाज़ीवाद के खतरे और द्वितीय विश्व युद्ध के कारण यहूदी लोग बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में पलायन करने लगे. जब 1947 में युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई, तो उसने एक विभाजन योजना का प्रस्ताव रखा - जिसके अनुसार लगभग 45% भूमि फ़िलिस्तीनी लोगों की और 55% यहूदी लोगों की होगी.

यरुशलम, जो दोनों पक्षों के लिए अपने धार्मिक महत्व के कारण विशेष रूप से संवेदनशील है, को एक अलग अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के रूप में प्रस्तावित किया गया था. इस योजना पर कभी अमल नहीं किया गया - और इसके बजाय 1948 में इजराइल राज्य की घोषणा कर दी गयी.

घोषणा के तुरंत बाद छिड़े अरब-इजरायल युद्ध में 750,000 फिलिस्तीनी लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा शरणार्थी का दर्जा दिया गया और वे पड़ोसी देशों में भाग गए. फिलिस्तीनियों ने दो छोटे क्षेत्रों पर नियंत्रण बनाए रखा - जिसे अब हम गाजा और वेस्ट बैंक के रूप में जानते हैं.

1967 में छह दिवसीय युद्ध के दौरान, इज़राइल ने गाजा, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया. उन्होंने सीरिया से संबंधित गोलान हाइट्स पर भी नियंत्रण कर लिया. इसने सैकड़ों हज़ारों और फिलिस्तीनियों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया.

अपने पहले राष्ट्रपति काल के दौरान, डोनाल्ड ट्रम्प ने गोलान हाइट्स पर इजरायल के नियंत्रण को मान्यता दी थी.  तब से गाजा पर नियंत्रण के लिए विभिन्न समूहों ने लड़ाई लड़ी है - जिसमें हमास और फिलिस्तीनी प्राधिकरण शामिल हैं.

जिक्र गाजा को लेकर ट्रंप के प्लान का हुआ है तो मध्य पूर्व की राजनीति को समझने वाले तमाम जानकार ऐसे हैं जिनका मानना है कि गाजा को ढाल बनाकर पुनर्स्थापन के नाम पर आज ट्रंप जो भी कर रहे हैं उसका उद्देश्य वर्चस्व उद्देश्य की वो राजनीति है जिसे देखकर दुनिया को इस बात का एहसास हो जाएगा कि आज भी सुपर पावर अमेरिका ही है.  

ध्यान रहे बाइडेन के दौर में दुनिया पर अमेरिका की पकड़ ढीली हुई थी.  और अब जबकि ट्रंप दोबारा सत्ता में आ गए हैं उनका मकसद एक बार फिर अमेरिका को दुनिया के सामने ज़रूरी बताना है.

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