क्रिकेट
RCB Victory Celebration: हाई कोर्ट के एक्शन के बाद कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन ने आरसीबी विक्ट्री सेलिब्रेशन में हुई मौतों से अपना पल्ला झाड़ दिया है. यहां जानिए क्या कहा है.
आईपीएल 2025 का खिताब जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु अहमदाबाद से ट्रॉफी के साथ फैंस के साथ जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु पहुंची थी. इतना ही नहीं टीम को रोड शो भी करना था, लेकिन अंत में वो कैंसिल हो गई थी, जिसके बाद आरसबी की टीम एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में ट्रॉफी के साथ जश्न मना रही थी. लेकिन ये जश्न मातम में कब बदल गया, किसी को पता भी नहीं चला. आरसीबी सेलिब्रेश के दौरान भगदड़ हो गई थी और कई लोगों की जान चली गई थी. हालांकि हाई कोर्ट ने भी इसे लेकर सख्ती बरती है. अब कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने एफआईआर के खिलाफ तत्काल सुनवाई के लिए शुक्रवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.
NDTV के पास केएससीए अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम द्वारा दायर याचिका है. याचिका के मुताबिक, जश्न का कार्यक्रम कर्नाटक सरकार के आदेश पर बुलाया गया था. याचिका में कहा गया है कि जीत का जश्न वास्तव में सरकार के आह्वान पर मनाया गया था. ये अभिनंदन विधान सौध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और कई कैबिनेट मंत्रियों की मौजूदगी में आयोजित किया गया था. इसमें कहा गया कि वरिष्ठ नौकरशाह और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे.
याचिका में आगे कहा गया कि गेट प्रबंधन और भीड़ प्रबंधन केएससीए की जिम्मेदारी नहीं थी. ये आरसीबी, आयोजक और पुलिस का था. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि उसके वरिष्ठ पदाधिकारियों को फंसाने का प्रयास पुलिस और सरकार की ओर से न्याय की गंभीर विफलता है. किसी भी मामले में याचिकाकर्ताओं को आरोपी के रूप में फंसाना पुलिस और सरकार के हाथों न्याय की गंभीर विफलता है. कथित अपराधों का याचिकाकर्ताओं की किसी भी गतिविधि से दूर-दूर तक पता नहीं लगाया जा सकता है.
इसमें कहा गया है, "केएससीए प्रबंध समिति केवल किराये पर चिन्नास्वामी स्टेडियम के आयोजन स्थल को संभालती है और कर्नाटक में क्रिकेट को नियंत्रित करती है. ये दर्शकों या प्रशंसकों से कोई लेना-देना नहीं है."
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