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India-US Trade Deal को लेकर आपस में मोलभाव चल रहा है. इसके बावजूद ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को डॉलर की ताकत के खिलाफ बताते हुए एक्स्ट्रा टैरिफ की जो धमकी दी है, उसकी चपेट में भारत भी आ रहा है.
Donald Trump on Brics: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर ब्रिक्स (BRICS) देशों को चेतावनी दी है. ट्रंप ने कहा है कि ब्रिक्स की स्थापना अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर की ताकत घटाने के लिए की गई है. ब्रिक्स में शामिल देशों से आने वाले सामान पर जल्द ही 10 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ वसूला जाएगा, जिसे लेकर बहुत जल्द फैसला हो जाएगा. ट्रंप ने यह धमकी भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर चल रहे मोलभाव के बीच दी है, जबकि भारत भी ब्रिक्स देशों के संस्थापक सदस्यों में से एक है. व्हाइट हाउस में कैबिनेट मीटिंग में ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसके बाद मीडिया से बातचीत में भी यह बात दोहराई है.
भारत समेत 11 देश हैं ब्रिक्स का हिस्सा
ब्रिक्स की स्थापना भारत, चीन, रूस और ब्राजील ने की थी. इस समय इसके 11 सदस्य देश हैं. साल 2010 में इसमें साउथ अफ्रीका को शामिल किया गया था, जबकि बाद में सऊदी अरब, मिस्र, ईरान, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया भी इसका हिस्सा बने थे. खास बात ये है कि इनमें से कई सदस्य अमेरिका के मजबूत सहयोगी हैं. इसके बावजूद अमेरिका इस संगठन में रूस, चीन और ईरान का गठजोड़ होने के कारण इसे अपने खिलाफ मानता है. अमेरिका का यह भी मानना है कि ब्रिक्स की स्थापना अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को कम करके दूसरी मुद्राओं में व्यापार पर जोर देने के लिए की गई है.
'भारत को भी देना होगा एक्स्ट्रा टैरिफ'
मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप से एक पत्रकार ने भारत के खिलाफ टैरिफ प्लान को लेकर सवाल किया. इस पर ट्रंप ने कहा,'ब्रिक्स में वे मौजूद हैं तो उन्हें भी निश्चित रूप से 10 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ का भुगतान करना होगा. ब्रिक्स की स्थापना हमारे डॉलर को कमजोर करके हमें नुकसान पहुंचाने के लिए की गई थी. डॉलर किंग है और किंग ही रहेगा. इसे चुनौती देने की कोशिश लोग कर सकते हैं, लेकिन इसकी उन्हें बड़ी कीमत चुकानी होगी. मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी यह जोखिम उठाएगा.' ट्रंप से एक दिन पहले व्हाइट हाउस ने भी अपने बयान में कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप ब्रिक्स गठबंधन को अमेरिकी हित के खिलाफ मानते हैं और अमेरिका के साथ वैश्विक मंच पर निष्पक्ष व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए ट्रंप ने सभी आवश्यक कदम उठाने का वचन दिया है.
'1 अगस्त ही है टैरिफ की डेडलाइन'
ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि टैरिफ लागू होने की डेडलाइन 1 अगस्त ही है. अन्य देश हमारे ऊपर हास्यास्पद स्तर के टैरिफ लगाते हैं. उन्होंने हमें सालों तक लूटा. हमारे पास इसे समझने वाला कोई राष्ट्रपति नहीं था. मैंने उन देशों से बात की है और अब हर कोई हमें सबकुछ देने को तैयार है. अब तक हम केवल बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलने वाले देशों के नियमों का पालन कर रहे थे. हमारा नेतृत्व बेवकूफ और बिना व्यापारिक समझ वाले लोग कर रहे थे. अब ऐसा नहीं है. 1 अगस्त से अमेरिका के पास बड़ी रकम आनी शुरू हो जाएगी.'
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