लाइफस्टाइल
सर्दियों में विटामिन डी की कमी हो सकती है क्योंकि शरीर को पर्याप्त गर्मी नहीं मिल पाती है. इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है.
सर्दियों में ठंड से बचने के लिए कई लोग घर पर ही रहना पसंद करते हैं. ठंड के कारण अक्सर लोग बाहर निकलने से बचते हैं. इसके कारण ये मंडलियाँ सीधी धूप से दूर रहती हैं. पूरे दिन घर के अंदर रहने से शरीर को आवश्यक धूप की कमी हो जाती है और इसका सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. शरीर को पर्याप्त गर्मी नहीं मिलने से इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
वैज्ञानिकों के अनुसार, गर्मी से प्राप्त विटामिन डी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए भी बहुत उपयोगी है.
गर्मी से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन बढ़ता है. शरीर में इस हार्मोन को हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है. यह हार्मोन डिप्रेशन को खत्म कर मूड अच्छा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है. सर्दियों में गर्मी से दूर रहने से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर कम हो सकता है. हैप्पी हार्मोन के स्तर में कमी से तनाव, चिंता, अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार शीत ऋतु में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं. यही कारण है कि इस मौसम में लोग धूप में ज्यादा समय नहीं बिता पाते हैं. पर्याप्त गर्मी न मिलने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
सूर्य के प्रकाश का महत्व
सूरज की रोशनी विटामिन डी का एक बड़ा और प्राकृतिक स्रोत है. सूरज की रोशनी न सिर्फ हड्डियों के लिए बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली के लिए भी फायदेमंद है. गर्मी सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाकर अवसाद और तनाव जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है. सूरज की रोशनी शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन को नियंत्रित करने में भी फायदेमंद है. यह आपके नींद चक्र को बेहतर बनाने में मदद करता है.
गर्मियों में कितना समय बिताना है?
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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