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भारत
कांगो के माइनिंग टाउन में इन दिनों एमपॉक्स के नए स्ट्रेन की दहशत है. समस्या ये है कि यहां लोगों को इसकी पर्याप्त जानकारी न होने की वजह से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
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जमीन पर बेसुध पड़ी दिव्य विसोबा को यह भी होश नहीं था कि आज उसकी बेटी का अंतिम संस्कार है. वो इतने गहरे सदमे में थी कि जमीन पर अपनी बेटी की कब्र के पास घास उखाड़ रही थी. ये उस मां का दुख था जिसकी 1 महीने की बेटी की जान अगस्त में पूर्वी कांगो में mpox की वजह से चली गई थी. 21 साल की इस मां का खुद इतना गहरा था कि वो अपनी नन्हीं नवजात को अंतिम विदाई देने के लिए तैयार नहीं हो पा रही थी. वो अंत समय में भी उसे गले से चिपकाए रखना चाहती थी.
जब वह मां पहली बार कब्रिस्तान गई तो बेटी के दुख में फफक-फफक कर रोई. अपनी जा चुकी बेटी को अपनी शर्ट में छुपकर ऐसे ढूंढ़ती जैसे वह उसके वक्षों से लिपटकर उससे स्तनपान की मांग की कर रहो हो. उस मां को दूसरों के दुख की इतनी चिंता थी कि शर्ट में छुपकर सुबक-सुबक कर रोई. नवजात बेटी को खो चुकी इस मां को अब अपने परिवार के अन्य सदस्यों की चिंता है.
The pioneer पर छपी खबर के मुताबिक, 21 साल की विसोबा ने अपनी छोटी सी जान माओम्बी कटेंगेय के बारे में कहा कि जब वह पैदा हुई थी तो ऐसा लगा जैसे भगवान ने हमारी प्रार्थनाओं को सुन लिया. हम एक लड़की चाहते थे. ईश्वर ने हमें वही दे दी. अभी हमने अपनी नन्हीं जान की किलकारियां सुननी ही शुरू की थीं कि उसके नन्हें हाथ हमारे हाथों से छूट गए. वो हमें हमेशा के लिए छोड़ गई.
6,000 से अधिक लोग हो चुके हैं Mpox से संक्रमित
विसोबा की बेटी उन 6,000 से अधिक लोगों में से एक है, जिनके बारे में अधिकारियों को संदेह है कि वे दक्षिण किवु प्रांत में इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं. यह mpox प्रकोप का केंद्र है. एमपॉक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल करार दिया है. अब वायरस का एक नया प्रकार फैल रहा है, जो मुख्य रूप से स्किन टू स्किन संपर्क से फैल रहा है. इसके फैलने के कारणों में सेक्स भी शामिल है, लेकिन यह सिर्फ सेक्स तक सीमित नहीं है.
एमपॉक्स के गंभीर लक्षण, 70 से ज्यादा देशों में प्रकोप
रोग विशेषज्ञों के अनुसार, फंड, वैक्सीन और जानकारी की कमी के कारण इस बीमारी को फैलने से रोकना मुश्किल हो रहा है. एमपॉक्स, जो ज़्यादातर बुखार और शरीर में दर्द जैसे हल्के लक्षण पैदा करता है, लेकिन चेहरे, हाथ, छाती और जननांगों पर छालों के साथ गंभीर परेशानियों को जन्म दे सकता है. इस बीमारी की पहचान अफ़्रीका में कई सालों तक तब तक नहीं हो पाई थी, जब तक कि 2022 में इसका प्रकोप 70 से ज़्यादा देशों में नहीं पहुंच गया था.
अब 'गोल्ड माइनिंग टाउन' में बढ़ रहे मामले
वैश्विक स्तर पर, समलैंगिक और bisexual men ने इस प्रकोप में सबसे ज्यादा झेला था. उनमें अधिक मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने अब यह भी देखा है कि Mpox ने लंबे समय से अफ्रीका में बच्चों को असमान रूप से प्रभावित किया है, और उनका कहना है कि अब बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अन्य कमजोर समूहों में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इन मामलों में बढ़ोतरी का बड़ा कारण क्लोज कॉन्टेक्ट है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कामिटुगा पर ध्यान केंद्रित किया है, जो लगभग 3,00,000 लोगों की आबादी वाला एक दूरस्थ लेकिन हलचल भरा गोल्ड माइनिंग का शहर है. यह शहर खनिकों, यौनकर्मियों और व्यापारियों को आकर्षित करता है. एक साल पहले जब से यह प्रकोप शुरू हुआ है, तब से कामिटुगा में लगभग 1,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं. आठ की मौत हो गई है, जिनमें से आधे बच्चे हैं.
लोगों के पास नहीं MPOX की पर्याप्त जानकारी
पिछले महीने, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि सरकारों के नेतृत्व और सहयोग से अगले छह महीनों में एमपॉक्स के प्रकोप को रोका जा सकता है, लेकिन कामिटुगा में लोगों का कहना है कि वे एक बिल्कुल अलग सच्चाई का सामना कर रहे हैं. जनरल अस्पताल में हर रोज औसतन पांच नए मामले आते हैं. प्रांत के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, दक्षिण कीवु में कुल मिलाकर, साप्ताहिक नए संदिग्ध मामले जनवरी में लगभग 12 से बढ़कर अगस्त में 600 हो गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पास एमपॉक्स के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है. विसोबा ने कहा कि उनकी बेटी के बीमार होने से पहले, वह खुद संक्रमित थी. उनकी बेटी की मौत उसी अस्पताल में हुई जहां वे खुद भी एडमिट हुई थीं.
बेटी के पैर में दिखे थे घाव
विसोबा ने कहा कि उनकी बेटी के बीमार होने से पहले वे खुद संक्रमित थीं, लेकिन उसे इसका पता नहीं था. उसके जननांगों के आसपास दर्दनाक घाव उभर आए थे, जिससे चलना मुश्किल हो गया. उसने सोचा कि उसे एक कॉमन सेक्शुअली ट्रांसमिटिड इंफेक्शन हुआ है और उसने फार्मेसी से दवा ले ली. कुछ दिनों बाद, वह अपने नवजात शिशु के साथ अस्पताल गई और उसे एमपॉक्स के बारे में पता चला. वह ठीक हो गई, लेकिन उसकी बेटी के पैर में घाव हो गए. लगभग एक हफ्ते बाद, माओम्बी की उसी अस्पताल में मृत्यु हो गई, जहां उसकी मां का इलाज किया गया था. विसोबा ने कहा कि उसे एमपॉक्स होने तक इसके बारे में पता नहीं था. वह चाहती हैं कि सरकार लोगों को सुरक्षात्मक उपाय सिखाने में अधिक निवेश करे. स्थानीय अधिकारी संदिग्ध मामलों को ट्रैक करने या निवासियों को सूचित करने के लिए कामिटुगा के बाहर कुछ मील से अधिक के क्षेत्रों में नहीं पहुंच सकते हैं. वे रेडियो संदेश प्रसारित करते हैं लेकिन कहते हैं कि यह काफी दूर तक नहीं पहुंचता है, लेकिन 42 साल के सामुदायिक नेता Kasindi Mwenyelwata ने कहा कि पैसे की कमी का मतलब है कि उनके पास सही सामग्री नहीं है, जैसे कि मरीजों की तस्वीरें दिखाने वाले पोस्टर, जो उनके अनुसार शब्दों से अधिक शक्तिशाली हैं.
सरकार नहीं कर पा रही एमपॉक्स के साथ डील
कांगो की सरकार ने अपने शुरुआती एमपॉक्स रिस्पॉन्स के लिए 190 मिलियन अमरीकी डॉलर से ज़्यादा का बजट रखा है, जिसमें 3 मिलियन वैक्सीन की खरीद शामिल है. एक राष्ट्रीय एमपॉक्स योजना के मसौदे के अनुसार, जिसे इस महीने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सहायता समूहों के बीच व्यापक रूप से प्रसारित किया गया और द एसोसिएटेड प्रेस द्वारा देखा गया. लेकिन अब तक, कांगो में सिर्फ़ 2,50,000 खुराकें ही पहुंची हैं और सरकार ने वित्त मंत्रालय के अनुसार सिर्फ 10 मिलियन अमरीकी डॉलर दिए हैं. माइल्ड केसेज में लोग दो हफ़्ते से भी कम समय में ठीक हो जाते हैं. गंभीर मामलों में घाव संक्रमित हो सकते हैंऔर बच्चों या इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों को ज्यादा परेशान कर सकते हैं.
समझ से परे आ रहे मामले- डॉक्टर्स
डॉक्टरों का कहना है कि एमपॉक्स के उनके सामने ऐसे मामले आ रहे हैं जो उनकी समझ से परे हैं. जैसे की गर्भवती महिलाओं का अपने बच्चों से हाथ धो बैठना. कामीटुगा के जनरल अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से संक्रमित 32 गर्भवती महिलाओं में से लगभग आधी ने गर्भपात या मृत जन्म के कारण बच्चे को खो दिया. एलिस नीमा उनमें से एक थीं. एसोसिएटेड प्रेस को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने जननांगों के आसपास घाव और बुखार के लक्षण देखे थे, लेकिन समय पर मदद के लिए मोटरसाइकिल पर 50 किलोमीटर की यात्रा करने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे. डायग्नोस के बाद उनका गर्भपात हो गया. जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है स्थानीय लोगों का कहना है कि नए स्ट्रेन के साथ डर फैल रहा है.
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लक्षण दिखते ही लें विशेषज्ञ का मदद
डिएगो न्यागो ने कहा कि वह अपने 2 साल के बेटे एमिल को खतना के लिए लाए थे जब उसे बुखार और घाव के लक्षण दिखे थे. तब पता चला कि उसे एमपॉक्स था और आज, न्यागो आभारी हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों ने उसके लक्षण पहचान लिए. डिएगो न्यागो ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं था कि बच्चों को भी यह बीमारी हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि कुछ बच्चे जल्दी मर जाते हैं, क्योंकि उनके परिवारों को सूचित नहीं किया जाता है. 'जो मरते हैं वे घर पर रहते हैं.'
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