Delhi में फिल्मी अंदाज में बरसाईं गोलियां, कार शोरूम पर 24 फायर से थर्राया इलाका
Hairfall और डैंड्रफ का रामबाण इलाज है ये जड़ी बूटी, इस तरह करें इस्तेमाल
'भारत माता की जय कहना क्या हेट स्पीच है?' Karnataka High Court ने क्यों लगाई पुलिस को फटकार
Bihar Flood Alert : नदियां उफान पर, 13 जिलों में भीषण बाढ़ का अलर्ट, मौसम विभाग ने कही ये बात
बीमारी में नहीं दी बॉस ने छुट्टी, महिला कर्मचारी की ऑफिस में हो गई मौत
Cholesterol कम करने का ये है कारगर देसी इलाज, जानें कैसे करें इसका इस्तेमाल
ऑफिस का स्ट्रेस सेहत पर पड़ सकता है भारी, जानें कैसे करें मैनेज
अमित शाह का ‘डीलर, दलाल, दामाद’ हमला, हरियाणा चुनाव रैली में कांग्रेस पर बरसे गृहमंत्री
भारतीय पासपोर्ट पर घूम रही थीं Bangladesh की एडल्ट एक्ट्रेस, राज खुलते ही हुई गिरफ्तार
कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाता है ये लाल साग, Anemia समेत ये बीमारियां होती हैं दूर
800 करोड़ का Pataudi Palace बनेगा म्यूजियम? खुद Saif Ali Khan ने बता दिया क्या है प्लान
Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, AQMC को लगाई कड़ी फटकार
Rudraksha Rules: रुद्राक्ष धारण करने के बाद इन बातों का रखें ध्यान, वरना होगा नुकसान ही नुकसान
Fatty Liver के संकेत हो सकते हैं चेहरे पर नजर आने वाले ये बदलाव, न करें इग्नोर
Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना छीन जाएगी घर की सुख शांति
UP News: सास का शव लेकर दामाद पहुंचा बैंक, भरने लगा विड्रॉल फॉर्म
भांग का मजा बना सजा, ब्रिटिश इन्फ्लुएंसर को ले जाना पड़ा अस्पताल, वायरल हुआ Video
कांग्रेस छोड़ BJP में आए विधायकों का गोमूत्र और गंगाजल से हुआ शुद्धिकरण, जानें पूरा मामला
IPL 2025: संन्यास लेने के कुछ घंटों बाद Dwayne Bravo की वापसी, IPL में KKR से जुड़े
UP News: कांस्टेबल बनकर धमकाती थी महिला, सबके सामने खुल गई पोल, जानें पूरी बात
Dussehra 2024 Date: अक्टूबर माह में इस दिन है दशहरा, जानें तिथि, तारीख से लेकर पूजा विधि और महत्व
Healthy Diet: सफेद नहीं, डाइट में शामिल करें ये 3 तरह के चावल, सेहत को मिलेंगे ढेरों फायदे
UP News: बुलंदशहर में बाप-बेटे के रिश्ते पर सवाल, नाबालिग ने चाकू मारकर की पिता की हत्या
चंदेरी की साड़ियां क्यों हैं फेमस? श्री कृष्ण से जुड़ा है रहस्य
सुबह 5 बजे उठने से शरीर को मिलते हैं कमाल के फायदे, अपने डेली रूटीन में शामिल करें ये आदत
UP News: ताजमहल में बढ़ता जा रहा बंदरों का आतंक, भगाने के लिए हो रहा 'लंगूर' का प्रयोग
भारत की औसत उम्र में इजाफा, 24 से बढ़कर इतनी हुई आयु, जानें पूरी बात
क्या Israel ने Lebanon में युद्ध खत्म करने का सर्वोत्तम अवसर नष्ट कर दिया?
Turmeric Water या हल्दी वाला दूध, क्या है सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद?
Hathras Crime News: अंधविश्वास ने ली मासूम की बलि, तरक्की के लिए बच्चे की जान ली
UP News: पत्नियों से परेशान पति पहुंचे मानवाधिकार आयोग, 22 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज
दिल्ली में रिमोट से बैंक दहलाने की कोशिश, 10 लाख की फिरौती न देने पर ब्लास्ट की धमकी
क्या प्यार में वाकई उड़ जाती है नींद? जानें ऐसा क्यों कहते हैं लोग और इसकी वजह
Lucknow News: रात में सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करनेवालों की अब खैर नहीं, चुकानी होगी मोटी रकम
OIC का कश्मीर पर विवादित बयान, भारत ने जताया कड़ा विरोध
Unhealthy lungs की निशानी हैं शरीर में दिखने वाले ये संकेत, भारी पड़ सकती है अनदेखी
खजूर ही नहीं इसके बीज भी हैं सेहत के लिए फायदेमंद, जानें कैसे करें सेवन
इन चीजों से बने बर्तन में पानी पीने से खत्म होंगे ग्रहदोष, मिलेगा पैसा और सुख
Devara के ओपनिंग डे पर JR NTR के फैंस को लगा जोर का झटका, मेकर्स ने कही दी बड़ी बात
पंजाब में चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट का पर्दाफाश, पुलिस ने एक को दबोचा, 54 अन्य जांच के घेरे में
Delhi: कमिश्नर और मेयर के हक की लड़ाई जारी, जानें चुनाव टलने के पीछे की बड़ी वजह
Make UP Tips: होठों को लालिमा देने वाली Lipstick में कहां से आता है रंग, जानें पूरी प्रक्रिया
'PM बनने के मिल चुके हैं कई ऑफर, पर नहीं मंजूर', नितिन गडकरी ने ऐसा क्यों कहा?
चर्बी कम करने के लिए रोजाना पिएं इस मसाले का पानी, तेजी से घटेगा वजन, जानें कैसे करें इस्तेमाल
Devara Review: लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर पाई Jr NTR की फिल्म? जानें क्या कहती है पब्लिक
Swiggy और Zomato से चाहिए सबसे Fast Delivery? अपनाएं ये आसान Trick
सावधान! Genz वर्क प्रेशर से हो रही डिप्रेशन का शिकार, जानें क्या है इसका सबसे बड़ा कारण
Israel-Hezbollah Attacks: अमेरिका की युद्धविराम अपील खारिज, इजरायल-हिज्बुल्लाह में बढ़ा तनाव
क्या बैठे रहने से होने लगता है रीढ़ में दर्द? बचने के लिए आहार में शामिल करें 5 Vitamins
Kohli तोड़ेंगे Sachin Tendulkar का विराट रिकॉर्ड, बस इतने रनों से दूर
Toll Tax: जानिए क्या है टोल टैक्स, भारत में ये कैसे होता है लागू, ये रही पूरी जानकारी
शराबबंदी या मजाक! बिहार में जाम पर जाम लगाते नजर आए थानाध्यक्ष, वीडियो Viral
रात को वॉशरूम जाना बच्चे को पड़ा भारी, स्कूल ने दी ऐसी भयानक सजा, काट लिए मार्क्स
अक्सर परेशान करती है एसिडिटी की समस्या, तो इन 5 घरेलू ड्रिंक्स से तुरंत मिलेगा आराम
अमेरिका में फिर से हिंदू मंदिर पर साधा गया निशाना, न्यूयॉर्क के बाद अब California में बर्बरता
Health Tips: इन 4 बीमारियों में बिल्कुल भी न खाएं दही, स्लो पॉइजन की तरह करता है काम
MP Crime News: 5 साल की मासूम से दरिंदगी, गला दबाकर हत्या, पुलिस ने आरोपी सहित मां-बहन को दबोचा
Israel में बम बरसा रहे हमास-हिजबुल्लाह, फिर भी घायल भारतीय जवान को Airlift कर लाई Indian Army
बदलापुर एनकाउंटर: अक्षय शिंदे के सिर में कैसे मारी गोली? HC ने उठाए सवाल, परिजनों ने मांगी सुरक्षा
राहुल गांधी के खिलाफ BJP कार्यकर्ताओं का हल्लाबोल! पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोका
सरकार ने बनाई 24 संसदीय समितियां, PM Modi ने Rahul Gandhi को भी सौंपी ये बड़ी जिम्मेदारी
MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव को लेकर टकराव, सिसोदिया बोले- ऐसी क्या आफत आ गई जो रात में...
DNA LIT
शायद ही कोई दिन बीतता हो जब हिंदी साहित्य जगत से कोई किताब न आती हो. चंद ही किताबें ऐसी हैं जो अपना असर छोड़ने में कामयाब हैं. सबाहत आफरीन की किताब मुझे जुगनुओं के देश जाना है' का भी मामला कुछ ऐसा ही है.किताब एक ऐसा दस्तावेज है जो तमाम स्त्री पात्रों के भीतर की छटपटाहट दर्शाता है.
TRENDING NOW
सोशल मीडिया में लाख बुराई हो. भर-भर के इसकी आलोचना होती रहे लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि इसने लोगों के हौसलों को पंख दिए हैं. हमारे आस पास तमाम लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखना शुरू किया। जैसे जैसे वक़्त आगे बढ़ता रहा इनकी कलम पैनी हुई और इनके लेखन को धार मिलती रही. ऐसे ही लेखकों में शुमार है युवा लेखक सबाहत आफरीन का जिनकी किताब ' मुझे जुगनुओं के देश जाना है ने न केवल फेसबुक ट्विटर और इंस्टाग्राम बल्कि साहित्य जगत में भी तहलका मचा दिया है.
रुझान प्रकाशन से प्रकाशित कहानी संग्रह 'मुझे जुगनुओं के देश जाना है' से गुजरते हुए आप साफ तौर पर महसूस करेंगे कि ये रचनाएं अल्पसंख्यक समुदाय के परिवेश को बड़ी बारीकी से रखती है. लेकिन इसके साथ ही यह बात गौरतलब होगी कि इस समुदाय में जो परेशानियां हैं, खूबियां और खामियां हैं, कमोबेश वही स्थिति बहुसंख्यक समुदाय के परिवेश में भी देखने को मिल जाएंगी. यह अलग बात है कि दोनों जगहों का संघर्ष जुदा है. दोनों से निबटने का तरीका अलग है, दोनों जगह के पात्रों को अलग-अलग ढंग से एनर्जी झोंकनी पड़ती है.
किताब 9 अलग अलग कहानियों का एक ऐसा दस्तावेज है जो तमाम स्त्री पात्रों के भीतर की छटपटाहट, उनकी बेचैनी, बोसीदा रीति रवाजों को मानने से इनकार करता है. किताब जिसके शीर्षक में ही जुगनुओं का जिक्र है वो उस आज़ादी का पर्याय हैं जो इस कहानी संग्रह में प्रकाशित कहानियों के अलग अलग पात्र महसूस करते हैं.
जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि 9 कहानियों वाले इस कहानी संग्रह का आधार औरतें हैं. यदि हम कहानी की इन औरतों की ज़िन्दगी को देखें तो मिलता है कि ये सभी महिलाएं कहीं न कहीं आंखों में कुछ जरूरी सपने लिए एक ऐसी कश्मकश से गुजर रही हैं जिससे पार निकलना किसी भी महिला, चाहे वो कितनी भी सशक्त क्यों न हो, मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
किताब में लिखी कहानियों को पढ़ें तो समाज के दायरों और मन की उलझनों में उलझे पात्र हालात बदलने को बेचैन हैं. और इसके लिए वो कुछ इस हद तक उतावले हैं कि सपोर्ट के रूप में उन्हें किसी सूरज की तलाश नहीं है. ऐसी औरतों का मानना यही है कि उम्मीद के दीपक को रोशन करने के लिए छोटे-छोटे जुगनू ही काफ़ी हैं.
किताब की पहली कहानी ‘तन्हा ख़्वाब' जर्रीन की कहानी है जिसकी जिंदगी में सब कुछ तो है, मगर उसे अपने पति से प्यार नहीं मिला. जर्रीन अपनी जिंदगी में बस प्यार के दो बोल सुनना चाहती है. और शायद उसकी यही तलब उसे डॉक्टर नीलाभ नाम के एक अन्य कैरेक्टर के करीब ले आती है.
डॉक्टर नीलाभ की बातें पति की बेरुख़ी से बेक़रार जर्रीन के कलेजे को ठंडक और सुकून देती है. कहानी एक ऐसे बिंदु पर ख़त्म होती है जहां सही और गलत की अवधारणा के बीच एक ऐसा द्वन्द है जहां परिस्थितियां ही चीजों को गलत और सही बना रही हैं.
इसी तरह जब हम किताब की दूसरी कहानी 'दिल ही तो है' का रुख करते हैं तो वहां हमें 'सरमद' नाम की एक ऐसी महिला दिखती है जिसकी शादी को सिर्फ 4 साल हुए हैं और उसके पति मोहसिन का स्वर्गवास हो गया है. एक बेवा की जिंदगी कैसी होती है. उसे अपने जीवन में किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?. कैसे समाज की नजरें उसे हर पल, हर वक़्त घूरती है इस कहानी से बखूबी समझा जा सकता है.
कहानी बताती है कि यूं तो ज़िंदगी से सरमद को शिकायतें नहीं हैं. पर चूंकि उम्र की भी अपनी हसरतें होती हैं, सरमद की भी कुछ हसरतें हैं. सरमद की सारा नाम की बेटी है और कहानी सारा और सरमद के इसी प्रेम के इर्द गिर्द घूमती है.
कहानी को जिस नफासत के साथ एक धागे से दूसरे धागे के बीच पिरोया गया है वो हमें कहीं न कहीं लेखक के परिपक्व होने का आभास तो कराता ही है. साथ ही ये भी बताता है कि कहानी में जिन परिस्थितियों का वर्णन हुआ वो प्लॉट की ज़रूरत था.
कहानी जहां एक तरफ हमें एक बेवा की मजबूरियां दिखाती है. तो वहीं जैसा रिश्ता कहानी की मुख्य पात्र सरमद का अपनी बेटी से है वो उसके एक आदर्श मां होने को भी परिभाषित करता है.
किताब की तीसरी कहानी ‘खूबसूरत औरतें’ भी हमें लेखक के जहीन होने का आभास कराती है. कहानी की मुख्य पात्र आलिया हमें उन औरतों से मिलवाती है जिनकी खूबसूरती ही उनके जी का जंजाल है.
ये कहानी उन लोगों के बारे में है जो स्वाभव से हैं तो बदनीयत लेकिन जब इनकी चोरी पकड़ी जाती है तो ये सारा का सारा दोष औरतों के मत्थे डाल देते हैं. चूंकि कहानी की मुख्य पात्र आलिया बला की खूबसूरत है जाहिर है उसे प्रेम भी होगा.
आलिया प्रेम में पड़ती है और वही प्रेमी जो उसका शौहर बनता है अपनी फितरत दिखा देता है. कहानी पढ़ते हुए महसूस यही होगा कि आलिया के शौहर में एक अजीब सा बदलाव आता है. और एक वक़्त ऐसा आता है जब बतौर एक महिला आलिया इन सब से तंग आ जाती है.
यहां कहानी टर्न लेती है और यहीं से हम आलिया को एक बिलकुल अलग राह चुनते हुए देखते हैं. कहानी बताती है कि एक औरत खूबसूरत तो हो सकती है लेकिन ये खूबसूरती एक बड़ी कीमत भी मांगती है.
किताब की चौथी कहानी 'नो ऑब्जेक्शन' एक ऐसे परिदृश्य में को ध्यान में रखकर लिखी गयी है जहां कब ये जमाना किसी मुद्दे का तिल का ताड़ कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता. यूं तो कहानी का बैकड्रॉप एक टिपिकल मिडिल क्लास फेमिली है मगर इसी फैमिली में आज़ाद ख्याल इरम भी है.
इरम जिसे ज़माने और उसके कायदे कानून की कोई परवाह नहीं है, एक ऐसी लड़की है जो रौशन ख्याल तो है ही. साथ ही वो ये भी जानती है कि कोई कुछ भी कह ले. लेकिन किसी भी फैसले को लेने से पहले इंसान को सिर्फ अपने दिल की ही सुननी चाहिए.
इन चार कहानियों के अलावा किताब में अन्य 5 कहानियां हैं, सबाहत की किताब 'मुझे जुगनुओं के देश जाना है' को इस लिए भी पढ़ा जाना चाहिए क्योंकि इन कहानियों को पढ़ते हुए कहीं न कहीं इस बात का भी एहसास हो जाएगा कि एक लड़की के लिए औरत बनने का सफर तमाम तरह की चुनौतियों से भरा है.
किताब की भाषा मुख्यतः उर्दू है पर कहीं से भी आपको बोरियत का एहसास नहीं होता. हालांकि बतौर पाठक कुछ जगहों पर आपको शाब्दिक चुनौती हो सकती है, मगर जब आप कहानी को पढ़ेंगे तो आपको वो कठिन बातें आसानी से समझ में आ जाएंगी.
किताब की शैली खूबसूरत है साथ ही ठहराव भी है. पढ़ते हुए ऐसा बिलकुल भी नहीं लगेगा कि किताब जल्दबाजी में लिखी गई है. किताब की अच्छी बात ये है कि लेखिका ने कम शब्दों का इस्तेमाल करते हुए जरूरी मुद्दों को जनता तक पहुंचाया और गागर में सागर भरने का काम किया है.
किताब में अगर एक भाषा के रूप में उर्दू को कम रखा गया होता तो शायद ये किताब ज्यादा लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर पाती. हो सकता है कि अपनी अगली किताब या फिर इसी किताब के अगले संस्करण में लेखिका सबाहत आफरीन इसका ख्याल रखें. किताब अमेजन पर उपलब्ध है और इसकी कीमत 225 रुपये है.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.